कैंसर से जीती जंग, सिर्फ 1500 रुपये से खड़ा कर दिया 39 लाख का कारोबार, क्‍या है बिजनेस?

नई दिल्‍ली: लवीना जैन की कहानी संघर्ष और साहस की मिसाल है। कैंसर और आर्थिक तंगी के कठिन दौर में उन्होंने हार नहीं मानी। बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लवीना ने अपने शौक को व्यवसाय बनाया। उन्होंने घर पर ही अचार, जैम और अन्य खाद्य पदार्थ

4 1 4
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्‍ली: लवीना जैन की कहानी संघर्ष और साहस की मिसाल है। कैंसर और आर्थिक तंगी के कठिन दौर में उन्होंने हार नहीं मानी। बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लवीना ने अपने शौक को व्यवसाय बनाया। उन्होंने घर पर ही अचार, जैम और अन्य खाद्य पदार्थ बनाना शुरू किया। शुरुआत में लवीना ने सिर्फ 1,500 रुपये से अपना काम शुरू किया था। आज उनका यह छोटा सा व्यवसाय लाखों का कारोबार कर रहा है। आइए, यहां लवीना जैन की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

2011 में की शुरुआत

2011 में की शुरुआत

लवीना जैन मेरठ से ताल्‍लुक रखती हैं। उन्‍होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी और आर्थिक तंगी से जूझते हुए 1500 रुपये से अपना अचार का बिजनेस शुरू किया। उनके वेंचर का नाम तृप्ति फूड्स है। आज इसका टर्नओवर सालाना 39 लाख रुपये तक पहुंच गया है। 2011 में शुरू हुआ यह घरेलू व्यवसाय अब न केवल लवीना और उनके परिवार के लिए सहारा बना है। अलबत्‍ता, आसपास के गांवों की महिलाओं को भी रोजगार दे रहा है। तृप्ति फूड्स में पारंपरिक घर के बने अचार, चटनी, जैम, क्रश, स्क्वैश और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। इनकी बिक्री पूरे भारत में होती है।

पति को भी कैंसर ने पकड़ा

पति को भी कैंसर ने पकड़ा

लवीना और उनके पति दोनों ही कैंसर से जूझ चुके हैं। जब उन्‍हें कैंसर हुआ था, तब हालात बहुत मुश्किल थे। लोगों ने उन्‍हें घर बेचने की सलाह दी। लेकिन, उनके लिए हार मान लेना कोई विकल्प नहीं था। उनकी इसी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। कैंसर से पहले ही लवीना ने फूड प्रिजर्वेशन का छोटा सा कोर्स किया था। उन्हें अचार, जैम वगैरह बनाने में मजा आता था।

शुरुआत इन चीजों से की

शुरुआत इन चीजों से की

कैंसर के बाद अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए लवीना ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित 100-दिवसीय फूड प्रिजर्वेशन ट्रेनिंग में भाग लिया। कीमोथेरेपी के तुरंत बाद वह क्‍लासेज करने लगीं। यह मुश्किल था। उनमें बिल्कुल भी ताकत नहीं होती थी। उनके पति उस समय बात भी नहीं कर पाते थे। लेकिन, उन्‍हें पता था कि बच्चों के लिए उन्‍हें आगे बढ़ते रहना है। 2011 में जब लवीना ने बिजनेस की शुरुआत की तो उनके पास निवेश के लिए केवल 1500 रुपये थे। पहले बैच में उन्होंने नींबू का स्क्वैश और ठंडाई बनाई। शुरुआती दिनों में उनके परिवार ने पुरानी कांच की बोतलों में उत्पादों को पैक करने और हाथ से लेबल लिखने में उनकी मदद की।

यहां से मिला प्‍लेटफॉर्म

यहां से मिला प्‍लेटफॉर्म

लवीना के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को उत्पाद खरीदने के लिए राजी करना था। उन्हें यह भी नहीं पता था कि इसे कैसे बेचा जाए। उस समय किटी पार्टियां लोकप्रिय थीं। यह उनका पहला महत्वपूर्ण सेल्‍स प्‍लेटफॉर्म बना। यहां उन्होंने घर के बने क्‍वालिटी प्रोडक्‍टों की कद्र करने वाली महिलाओं को अपने उत्पादों से परिचित कराने के लिए स्टॉल लगाए। यह धीमा था, लेकिन उनके उत्पादों की गुणवत्ता ने ध्‍यान खींचा। फिर ऑर्डर आने लगे। उनका पहला बड़ा ऑर्डर 2 किलो आम के अचार का था। जल्द ही, बात फैल गई और उनका व्यवसाय बढ़ने लगा।

अब 70 तरह के प्रोडक्‍ट

अब 70 तरह के प्रोडक्‍ट

अब तृप्ति फूड्स लगभग 70 प्रकार के उत्पाद बेचती है। लवीना नमक, चीनी और तेल जैसे प्राकृतिक विकल्पों पर निर्भर करती हैं। सोडियम बेंजोएट का इस्‍तेमाल सिर्फ जरूरत पड़ने पर और अनुमत सीमा के भीतर ही करती हैं। कर्मचारियों को निर्धारित मानकों के साथ उत्पादों का निर्माण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। कंपनी का सबसे ज्यादा बिकने वाला 'हींग का अचार' कुल बिक्री का लगभग एक तिहाई हिस्सा है। पत्तेदार स्क्वैश, सेब और कीवी जैम, अनानास क्रश, स्ट्रॉबेरी स्क्वैश और ऐसे अन्य उत्पाद भी हैं जो बार-बार ऑर्डर दिलाते हैं। उनके उत्पादों की मांग मेरठ से दूर दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में भी है। अमेजन मार्केटप्लेस के जरिये उनके अचार और स्क्वैश पूरे भारत में पहुंचते हैं।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Champions Trophy 2025 Update: चैम्प‍ियंस ट्रॉफी में अपनाया जाएगा हाइब्रिड मॉडल, पाकिस्तान की निकली हेकड़ी? ICC ने दिया दखल

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now